
आदमखोर कोई भी हो सकता है, जानवर भी या फिर इंसान की शक्ल में छुपा एक हैवान। जानवर तो केवल प्रकर्ति के नियम का पालन करते हुए अपनी भूख मिटाने के लिए ही दूसरों को मार डालता है। लेकिन इंसानी जानवर अपने गंदे इरादों को पूरा करने के लिए किसी की भी जान ले सकता है। और यही होता है, जब कोई ऐसा इंसान रूपी जानवर अपना वास्तविक रूप दिखाता है।
सेक्स और दौलत की वजह से किसी की जान लेना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस कहानी में क्रूरता का एक नया ही लेवल देखने को मिलता है। ये हादसा न केवल काम वासना , अवैध संबंधों से जुड़ा है , बल्कि तंत्र, अंधविश्वास, और नशे का भी एक चौंका देने वाली भूमिका इसमे दिखाई देती है। और पता चलता है, कि भले ही हम 21 वी साड़ी के दूसरे दशक मे पहुँच गए हैं, लेकिन अंधविश्वास किस हद तक समाज में पैठ बनाए हुआ है।
यह वारदात सिर्फ़ एक साधारण घरेलू विवाद नहीं, बल्कि जुनून, नशे, धोखे और भयानक क्रूरता का मिला-जुला प्रतिबिंब है। सौरभ को अपनी ही पत्नी से ऐसी बेवफ़ाई मिली कि उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसे मार डाला। उसके बाद भी वे दोनों बेख़ौफ़ होकर शिमला घूमें, लोगों को बरगलाते रहे, और तब जाकर उजागर हुआ जब मुस्कान की माँ ने बेटी से सच उगलवाया।
1. पहचान और रिश्ता
मेरठ के इंदिरा नगर में मुस्कान और साहिल की पहली मुलाकात हुई थी। दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे, और पहले साहिल मुस्कान का सहपाठी था। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती बढ़ी और बाद में यह प्यार में बदल गई।
2019 में मुस्कान ने एक बेटी को जन्म दिया। इस बीच, साहिल और मुस्कान के रिश्ते की जानकारी सौरभ को हो गई थी। अंततः, 4 मार्च की रात मुस्कान ने प्रेमी साहिल को अपने घर बुलाया और उस रात के बाद ही सौरभ की हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
मेरठ के इस किस्से में तीन अहम किरदार सामने आते हैं-
-
- सौरभ– जो कहता था कि वो मर्चेंट नेवी में काम करता है, मगर सूत्रों के अनुसार जो जानकारी मिली है (हालांकि अभी ये जानकारी भी अस्पष्ट है), लंदन में किसी बेकरी में नौकरी करता था। मुस्कान और साहिल कि बातचीत में इस बात के अंश मिलते हैं।
-
- मुस्कान– सौरभ की पत्नी, जो छोटी-सी बच्ची की माँ भी थी।
-
- साहिल– मुस्कान का प्रेमी, जो अंधविश्वास, संदिग्ध मानसिकता का नशे का सेवन करने वाला एक तांत्रिक है।
कहते हैं कि सौरभ लंदन से कुछ समय पहले मेरठ लौटा था। पति-पत्नी और बच्ची किराए पर रहते थे, जबकि सौरभ का मूल परिवार शहर में दूसरे घर में था। रिश्तों में खटास का अंदेशा तो था, लेकिन इतना भयानक अंजाम होगा, ये किसी ने न सोचा था।
2. साज़िश की शुरुआत
मुस्कान और साहिल के बीच नज़दीकियाँ कब से चल रहीं थीं इसका सही अंदाज़ा किसी को नहीं था, पर पुलिस की शुरुआती जाँच से यह ज़ाहिर हुआ कि नवंबर महीने से ही दोनों आपस में कोई डरावनी साज़िश पनपा रहे थे।
-
- सौरभ के लौटने के बाद उसे शक होने लगा था कि मुस्कान का कोई रिश्ता साहिल से चल रहा है।
-
- दूसरी ओर, साहिल नशे का आदी मालूम होता था और मुस्कान भी उसमें शामिल होने लगी। सौरभ इस आदत का सख़्त विरोध कर रहा था।
यही विरोध क़त्ल की वजह बना। साहिल को लगता था कि “अगर सौरभ ज़िंदा रहा तो हम ड्रग्स का मज़ा नहीं उठा पाएंगे।” इसी सोच ने मुस्कान के मन में अपने ही शौहर को रास्ते से हटाने का ख़याल मज़बूत कर दिया।
3. तीन दिनों की खुशियाँ और बदलती तक़दीर
फ़रवरी के आख़िरी हफ़्ते में दो जनमदिन मनाए गए-
-
- 25 फ़रवरी को मुस्कान का जन्मदिन था, जो सौरभ ने बड़े शौक़ से मनाया।
-
- 28 फ़रवरी को इनकी 5 साल की बेटी का जन्मदिन था, उसका भी जश्न हुआ।
वीडियो में ख़ुशियाँ, मुस्कुराहटें दिखाई देती हैं। लेकिन उस महज़ तीन दिन बाद की तस्वीर से कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता था कि परिवार पर कैसी क़यामत टूटने वाली है।
4. कातिलाना रात- नींद की गोलियां और ख़ंजर का वार
3 मार्च की रात को मुस्कान ने खाने में नींद की दवा मिला दी। सौरभ गहरी नींद में बेडरूम में था। उसी वक़्त मुस्कान ने साहिल को फ़ोन कर घर बुलाया।
-
- पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक़, साहिल और मुस्कान ने मिलकर सौरभ पर पहले छुरे से वार किया।
-
- कुछ बयानों में आया कि साहिल ने मुस्कान को संभलकर वार करना सिखाया।
-
- सौरभ को दिल के पास चाकू घोंपा गया, गला रेतने तक की हद पार हुई।
इस नृशंस वारदात के दौरान इनकी 5 साल की बच्ची उसी घर में दूसरे कमरे में सो रही थी।
5. लाश का खौफ़नाक राज़- ड्ऱम, सीमेंट और बाथरूम
क़त्ल के बाद लाश को उसी रात बाथरूम में रखा गया। अगले दिन दोनों ने लाश के कई टुकड़े किए ताकि उसे एक प्लास्टिक ड्रम में फिट कर सकें। बाजार से ख़ाली ड्रम, सीमेंट और चाकू वगैरह लेने की बात भी सामने आई।
-
- पहले लाश को ड्रम में डाला, फिर उस पर सीमेंट और पानी डाल दिया, ताकि बदबू ना फैले और वो बाहर न आए।
-
- ये पूरा खेल करके ड्रम को घर में ही रख दिया गया। पुलिस के मुताबिक़ क़रीब 13-15 दिन तक यह ड्रम वहीं रहा।
जब मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने ड्रम निकालने की कोशिश की तो सीमेंट सख़्त हो चुका था। फिर उस ड्रम को तोड़ा गया, तब जाकर लाश के टुकड़े बरामद हुए।
6. शिमला की सैर और फ़ोन पर झूठा दिखावा
4 मार्च को, क़त्ल के फ़ौरन बाद मुस्कान अपनी बच्ची को उसकी नानी के घर छोड़ आई। साहिल और मुस्कान ने ख़ुद को बेफ़िक्र दिखाते हुए शिमला की सैर पर निकलने का फ़ैसला किया। दो हफ़्तों के आसपास इन्होंने वहां छुट्टियाँ मनाईं।
-
- मुस्कान सौरभ के ही फ़ोन से हिमाचल की बर्फ़ीली तस्वीरें अपडेट करती रही, ताकि घरवालों को लगे कि सौरभ भी ख़ुशी से कहीं घूम रहा है।
-
- मगर सौरभ का भाई बार-बार कॉल करके शक ज़ाहिर कर रहा था क्योंकि सौरभ सीधे फ़ोन नहीं उठा रहा था।
-
- इधर साहिल और मुस्कान झूठी कहानियाँ गढ़ते रहे।
7. खुलासे की घड़ी- माँ के सामने इक़बाल
17 मार्च को मुस्कान जब लौटी तो उसकी माँ ने नाती से पूछा कि पापा कहाँ हैं। बच्ची बार-बार रोकर पूछती थी, “मुझे पापा से मिलना है।”
-
- आख़िरकार 18 मार्च को मुस्कान ने अपनी माँ को सब क़बूल कर लिया- “मैंने साहिल के साथ मिलकर सौरभ को मार डाला।”
-
- माँ को यक़ीन ना हुआ, लेकिन मुस्कान के बार-बार सच कबूलने पर वो सीधा थाने गईं।
-
- पुलिस ने उसी दिन साहिल और मुस्कान, दोनों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में साहिल ने भी इक़बाल-ए-जुर्म कर लिया।
8. पोस्टमार्टम की दहशत- डॉक्टरों का बयान
पोस्टमार्टम 19 मार्च को हुआ। डॉक्टरों ने बताया कि इतने बेरहमी से कलेजा और दिल काटा गया कि सब कुछ देखकर उनका भी कलेजा काँप उठा।
-
- बॉडी के कुछ हिस्से सड़ने लगे थे; ड्रम में सीमेंट के चलते शरीर में हवा नहीं लग पा रही थी।
-
- पैर मोड़कर भरा गया था, ताकि ड्रम में जगह बन पाए।
-
- सौरभ के दिल पर कई वार हुए और गला भी पूरी तरह रेत दिया गया।
डॉक्टरों ने कहा कि शव के चार टुकड़े देखते ही वो लोग भी दहल उठे।
9. साहिल का कमरा- तांत्रिक निशान और नशे का सामान
जाँच के दौरान पुलिस को साहिल के कमरे में अजीबोग़रीब निशान, भूत-प्रेत से जुड़े शैतानी चित्र, लाल-काले रंग के तांत्रिक चिह्न, और दीवारों पर अलग-अलग तरह की बातें लिखी मिलीं।
-
- बीयर के डिब्बे, शराब की बोतलें, बीड़ी के ठूंठ बिखरे थे—इशारा कि साहिल गहरा नशेड़ी था।
-
- कहा जा रहा है कि मुस्कान ने साहिल को बहलाने के लिए किसी ‘आत्मा’ के नाम से फ़र्ज़ी मैसेज भेजे, ताकि साहिल सौरभ को अपना दुश्मन मानकर ख़त्म कर दे।
-
- पुलिस देख रही है कि कहीं इस तंत्र-मंत्र वाले एंगल से भी कोई सबूत हाथ लग सके।
10. माता-पिता का दर्द और सज़ा की माँग
मुस्कान की माँ ने, जो पहले दिन से बेटी पर अंकुश नहीं रख पाईं, खुद थाने ले जाकर मुस्कान की गिरफ़्तारी में मदद की। वो कहती हैं, “ऐसे काम की माफ़ी नहीं। फाँसी दो।”
-
- साहिल की नानी ने भी कहा कि अगर उसके पोते ने ऐसा गुनाह किया है, तो वही कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।
-
- सौरभ के परिवार ने भी खुलकर बोल दिया कि इस हत्या का बदला सिर्फ़ मौत की सज़ा से ही पूरा होगा।
11. पुलिस कार्रवाई और क़ानूनी दांव-पेच
पुलिस ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया, वहाँ वकीलों ने साहिल पर ग़ुस्सा निकालते हुए मारपीट तक कर डाली। कोर्ट ने फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में दोनों को भेज दिया है।
-
- कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर), सीसीटीवी फुटेज, ड्ऱम-चाकू जैसी ख़रीददारी की जानकारियाँ, सब इकट्ठी की जा रही हैं, ताकि मुक़दमा मज़बूत हो।
-
- जाँच अधिकारी यह भी देख रहे हैं कि सौरभ असल में Merchant Navy में था या केवल झूठ बोलता था; और कैसे वो लंदन तक नौकरी करने गया था।
-
- इधर, मुस्कान और साहिल दोनों ने शुरू में बहुत-सी बातें घुमा-फिराकर बताईं, मगर आख़िरक़ार उनकी कहानियों में विरोधाभास खुलता चला गया।
डॉक्टरों की मानें तो इतने भयावह तरीक़े से लाश के टुकड़े करना किसी आम इंसान की सोच से परे है। पुलिस अब तमाम सबूतों को अदालत में पेश करेगी, और दोनों आरोपियों पर क़ानूनी शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है।
जिस तरह एक माँ खुद अपनी बेटी को पुलिस के हवाले करने जा पहुँची, उससे पता चलता है कि इस क़त्ल की निंदा परिवारों ने भी की है। तंत्र-मंत्र, ड्रग्स, अवैध रिश्ते, सभी मिलकर इस जघन्य घटना का कारण बने। सवाल यह है कि क्या इन दोनों को कड़ी सज़ा मिल पाएगी, या फिर मामला लंबा खिंचता जाएगा? वक़्त ही बताएगा।
फिलहाल तो मेरठ की इस दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है—और लोग सोच में हैं कि एक छोटी-सी बेटी के लिए पिता को हमेशा के लिए खोना कितना दर्दनाक है। दूसरी तरफ़ मुस्कान की माँ भी रो-रोकर कहती हैं, “ऐसा जुर्म माफ़ी के लायक़ नहीं।”
Video Credit – The Indian Express & YouTube